पुणे न्यूज डेस्क: पुणे बस बलात्कार मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों को रोकने के लिए केवल कानून बनाना ही काफी नहीं है, बल्कि उनके सख्त क्रियान्वयन की जरूरत है। गुरुवार (27 फरवरी, 2025) को एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने 2012 के निर्भया कांड को याद किया और बताया कि उस घटना के बाद कानूनों में कई बदलाव किए गए, लेकिन उनका सही ढंग से लागू होना जरूरी है। पुणे के स्वर्गेट इलाके में महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC) की बस में 26 वर्षीय महिला से हुए दुष्कर्म को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने यह टिप्पणी की।
चंद्रचूड़ ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा सिर्फ कानूनी व्यवस्था से नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी से भी जुड़ी हुई है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि महिलाओं के लिए बने कानूनों का सख्ती से पालन किया जाए, ताकि वे खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें। उन्होंने त्वरित जांच, कड़ी कार्रवाई और जल्द सुनवाई की जरूरत को भी रेखांकित किया। पूर्व CJI ने कहा कि दिल्ली के निर्भया कांड के बाद कानूनों में सुधार हुआ, लेकिन समाज और पुलिस प्रशासन को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी।
उन्होंने आगे कहा कि देश में बड़ी संख्या में महिलाएं शिक्षा, नौकरी और दूसरे कार्यों के लिए बाहर निकलती हैं। ऐसे में जरूरी है कि उनके लिए सुरक्षित माहौल बनाया जाए। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका, पुलिस और समाज को मिलकर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि महिलाएं बिना किसी डर के काम कर सकें। यही एक समतामूलक समाज की पहचान है।